कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस्तीफा दिया, राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है, जिससे देश में लगभग 10 वर्षों तक चली उनकी सत्ता का अंत हो गया। ट्रूडो ने लिबरल पार्टी के नेता का पद भी छोड़ दिया है और पार्टी से 24 मार्च तक नए नेता का चुनाव करने का आह्वान किया है। तब तक वे कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारियां निभाते रहेंगे।
यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब कनाडा बढ़ती राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सरकार के प्रति जनता की असंतोषजनक भावना के कारण ट्रूडो ने यह निर्णय लिया। उनके इस्तीफे से पहले वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने भी अपने पद से इस्तीफा दिया था, जिनके आर्थिक नीतियों को लेकर ट्रूडो से मतभेद थे। इन इस्तीफों ने लिबरल पार्टी और कनाडा की राजनीति में अस्थिरता को और बढ़ा दिया है।
ट्रूडो के इस्तीफे के कारण
जस्टिन ट्रूडो ने 2015 में सत्ता संभाली थी और शुरुआत में उनकी नीतियों को व्यापक सराहना मिली थी। लेकिन हाल के वर्षों में खाद्य और आवास की बढ़ती कीमतों, साथ ही आप्रवासन के मुद्दों ने उनके समर्थन आधार को कमजोर कर दिया। इन घरेलू समस्याओं के साथ-साथ अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया चेतावनी ने स्थिति को और जटिल बना दिया।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि यदि कनाडा अपने यहां से अमेरिका में प्रवेश करने वाले अप्रवासी और नशीली दवाओं को रोकने में विफल रहता है, तो अमेरिका कनाडा के सभी सामानों पर 25% शुल्क लगाएगा। इस आर्थिक दबाव ने कनाडा के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है, खासकर ऐसे समय में जब ट्रूडो की आर्थिक नीतियों की आलोचना हो रही है।
पूर्व वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने भी ट्रूडो की आर्थिक योजनाओं को राजनीतिक दिखावा बताया था। उन्होंने ब्रिकी कर में अस्थायी छूट और नागरिकों को 250 डॉलर देने जैसी योजनाओं की आलोचना की, जिन्हें उन्होंने वित्तीय रूप से हानिकारक बताया।
अगला नेता कौन?
लिबरल पार्टी अब नए नेता और देश के अगले प्रधानमंत्री के चयन के लिए तैयार हो रही है। संभावित उम्मीदवारों में कुछ प्रमुख नाम उभरकर सामने आए हैं:
1. क्रिस्टिया फ्रीलैंड: पूर्व वित्त मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में फ्रीलैंड का नाम प्रमुख है। हालांकि ट्रूडो के साथ उनके मतभेद रहे हैं, लेकिन उनकी आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय मामलों में विशेषज्ञता उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाती है।
2. डॉमिनिक लीब्लांक: लिबरल पार्टी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री डॉमिनिक लीब्लांक ने कठिन समय में पार्टी के साथ खड़े रहकर अपनी निष्ठा साबित की है। उन्हें एक स्थिर और अनुभवी नेता के रूप में देखा जा रहा है।
3. मार्क कार्नी: बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर, मार्क कार्नी ने हाल ही में राजनीति में आने की इच्छा जताई है। उनकी आर्थिक विशेषज्ञता उन्हें एक मजबूत विकल्प बनाती है, हालांकि उनका राजनीति में अनुभव नहीं है।
4. क्रिस्टी क्लार्क: ब्रिटिश कोलंबिया की पूर्व प्रीमियर और राष्ट्रीय स्तर पर एक अनुभवी नेता के रूप में क्रिस्टी क्लार्क का नाम भी उभर रहा है। उनकी प्रांतीय राजनीतिक सफलता उन्हें इस दौड़ में एक संभावित उम्मीदवार बनाती है।
कनाडा की राजनीति पर प्रभाव
ट्रूडो का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब कनाडा कई बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है। लिबरल पार्टी के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह एक मजबूत नेता का चयन करे जो पार्टी को एकजुट कर सके। दूसरी ओर, विपक्षी दल, जैसे कंजरवेटिव पार्टी और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी), इस अस्थिरता का लाभ उठाने की कोशिश करेंगे।
इसके साथ ही, अमेरिका और कनाडा के बीच संबंधों पर भी यह इस्तीफा प्रभाव डाल सकता है। ट्रंप ने हाल ही में कहा है कि कई कनाडाई चाहते हैं कि उनका देश अमेरिका का 51वां राज्य बन जाए। इस तरह के बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है और दोनों देशों के संबंधों को और जटिल बना दिया है।
आगे की राह
लिबरल पार्टी ने घोषणा की है कि वह 24 मार्च तक नए नेता का चुनाव करेगी, और संसद का सत्र तब तक स्थगित रहेगा। हालांकि, आम चुनावों की तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए जल्द ही चुनाव होने की संभावना है।
ट्रूडो का इस्तीफा कनाडा के लिए एक युग के अंत का संकेत है, लेकिन यह एक नए राजनीतिक युग की शुरुआत भी हो सकता है। देश के सामने आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने की बड़ी चुनौती है, और नया नेतृत्व किस दिशा में कदम उठाएगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।

